मृत संजीवनी प्रयोग

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Rs. 45,000

मृत संजीवनी मंत्र साधना में मृत संजीवनी यन्त्र का प्रयोग किया जाता है और प्रतिदिन इसकी पूजा विधिवत की जाती है |इसके बाद मंत्र जप होता है |मृत संजीवनी मंत्र के साधक इसे स्वतंत्र रूप से भी मृत्यु के समीप पहुँच रहे व्यक्ति के लिए बनाते हैं और अभिमंत्रित कर धारण कराते हैं |कैंसर ,ह्रदय रोग ,एड्स ,गंभीर दुर्घटना ,ह्रदय की खराबी ,किडनी की खराबी ,मश्तिश्काघात आदि जैसी बीमारियों अथवा जब भी मृत्यु की संभावना बन रही हो इसका प्रयोग किया जाता है |आज के समय में मृत संजीवनी विद्या से भी मृत को जीवित करने की क्षमता रखने वाला साधक मिलना बेहद मुश्किल है ,यद्यपि असंभव कुछ भी नहीं और अपवाद हमेशा उपलब्ध होता है पर जिनके पास यह क्षमता हो वह आज के समय में सामाजिक रूप से सक्रीय होगा ,कहना मुश्किल है |अतः मृत्यु समीप वाले पर ही इसका प्रयोग अधिक उपयुक्त है और ऐसे व्यक्ति को धारण कराने से दो तरह की क्रिया होती है |एक तो उसकी प्राण शक्ति बढ़ जाती है गायत्री के प्रभाव से ,दुसरे आसन्न मृत्यु को टाला जा सकता है महामृत्युंजय भगवान् शिव के प्रभाव से |अतः जब भी किसी की मृत्यु की आशंका समीप हो उसे मृत संजीवनी यन्त्र कम से कम २१००० मन्त्रों से अभिमंत्रित करके धारण कराना चाहिए |

मृत संजीवनी मंत्र साधना

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