नए अयोध्या मंदिर राम मंदिर का निर्माण किसने किया
मुख्य बातें
- अयोध्या मंदिर का निर्माण क्यों हुआ
- राम मंदिर का निर्माण किसने संभाला
- नए मंदिर की विशेषताएं
- मंदिर का निर्माण कितने समय में हुआ
- लार्सन एंड टुब्रो ने निर्माण कार्य संभाला
नए अयोध्या मंदिर राम मंदिर का निर्माण किसने किया
अयोध्या मंदिर का निर्माण क्यों हुआ
अयोध्या में नए राम मंदिर का निर्माण एक बहुत ही विवादित और इतिहासिक प्रक्रिया रही है। इसके पीछे कई कारण थे, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- धार्मिक आस्था: अयोध्या को हिंदू धर्म के प्रमुख देवता राम का जन्मस्थान माना जाता है। इसलिए, यहां एक नया मंदिर बनाने की मांग लंबे समय से थी।
- इतिहासिक विवाद: इस स्थल पर पहले बाबरी मस्जिद थी, जिसे 1992 में ध्वस्त कर दिया गया था। इसके बाद, विवादित भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए एक लंबी कानूनी लड़ाई हुई।
- सुप्रीम कोर्ट का फैसला: 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए हरी झंडी दी।
यह निर्माण न केवल एक धार्मिक स्थल का निर्माण है, बल्कि यह भारतीय समाज के लिए एक नया अध्याय भी है।
इसके अलावा, नए मंदिर का निर्माण भारत सरकार द्वारा गठित एक ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, द्वारा संभाला गया है। इस ट्रस्ट में कई प्रमुख हस्तियां शामिल हैं।
राम मंदिर का निर्माण किसने संभाला
राम मंदिर का निर्माण करने का महत्वपूर्ण कार्य लार्सन एंड टुब्रो ने संभाला है। इस कंपनी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर का डिजाइन और निर्माण कार्य सफलतापूर्वक किया है। मंदिर के निर्माण में वास्तुकला के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हुई है। इसके अलावा, राम मंदिर का निर्माण कुल 70 एकड़ में हो रहा है।
नए मंदिर की विशेषताएं
नए अयोध्या के राम मंदिर की विशेषताएं उसके भव्यता और धार्मिक महत्व को दर्शाती हैं। मंदिर के गर्भगृह में रामलला की दो मूर्तियां स्थापित की गई हैं, जिनमें से एक 5 साल पुरानी है। यह मूर्तियां कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा निर्मित हैं।
मंदिर के निर्माण में विभिन्न धार्मिक और ऐतिहासिक तत्वों का समावेश है। इसमें सूर्य, गणेश, शिव, दुर्गा, विष्णु और ब्रह्मा को समर्पित अलग-अलग मंदिर शामिल हैं।
याद रखें: राम मंदिर का निर्माण भारतीय संस्कृति और धार्मिक विचारधारा को प्रतिबिंबित करता है।
मंदिर का निर्माण श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा संभाला जा रहा है। इसका उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को होने की योजना है।
दर्शन का समय निर्धारित किया गया है, जो सुबह सात बजे से पूर्वाह्न 11:30 बजे और दोपहर दो बजे से शाम 6:30 बजे तक है। यदि भक्तों की संख्या बढ़ती है, तो दर्शन का समय बढ़ाया जा सकता है।
मंदिर का निर्माण कितने समय में हुआ
राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए भूमिपूजन 5 अगस्त 2020 को किया गया था। वर्तमान में निर्माणाधीन मंदिर की देखरेख श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा की जा रही है। मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को निर्धारित है।
दर्शन का समय निर्धारित किया गया है:
- सुबह सात बजे से पूर्वाह्न 11:30 बजे तक
- दोपहर दो बजे से शाम 6:30 बजे तक
यदि भक्तों की भीड़ बढ़ती है, तो दर्शन की समय सीमा में बदलाव किया जा सकता है।
मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा थे, उनकी सहायता उनके दो बेटे, निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा ने की, जो वास्तुकार भी हैं। राम मंदिर का परिसर कुल 70 एकड़ में बन रहा है।
निष्कर्ष
श्री राम मंदिर का निर्माण भारतीय सरकार द्वारा लार्सन एंड टुब्रो कंपनी के माध्यम से सफलतापूर्वक किया गया है। इस मंदिर का डिजाइन और वास्तुकला में बड़ी उपलब्धि है और इसे चंद्रकांत सोमपुरा ने मुख्य वास्तुकार के रूप में निर्माण किया है। यह मंदिर अयोध्या में स्थित है और यहां भगवान राम की जन्मस्थली मानी जाती है।
नए अयोध्या मंदिर राम मंदिर का निर्माण किसने किया
राम मंदिर का निर्माण क्यों हुआ?
राम मंदिर का निर्माण इसलिए हुआ क्योंकि यह भारतीय हिंदू धर्म के मुख्य देवता राम के जन्मस्थल के स्थान पर स्थापित है।
राम मंदिर का निर्माण किसने संभाला?
राम मंदिर का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो कंपनी द्वारा संभाला गया है।
नए मंदिर की विशेषताएं क्या हैं?
नए मंदिर की ऊँचाई 161 फीट है और यह दुनिया के तीसरे सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है।
मंदिर का निर्माण कितने समय में हुआ?
मंदिर का निर्माण कार्य 2020 में शुरू हुआ और 2024 में पूरा हो गया।
राम मंदिर के निर्माण में कौन-कौन सहायता की गई?
राम मंदिर के निर्माण में चंद्रकांत सोमपुरा ने मुख्य वास्तुकार की भूमिका निभाई और निर्माण कार्य में लार्सन एंड टुब्रो कंपनी ने सहायता की।
राम मंदिर का डिजाइन किसने बनाया?
राम मंदिर का डिजाइन 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार द्वारा बनाया गया था।
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